विराटनगर के हलुवाइयोने मिलकर भव्यता के साथ मनाया बाबा गणिनाथ जी का जन्मोत्सव (वीडियो सहित)
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विराटनगर के हलुवाइयोने मिलकर भव्यता के साथ मनाया श्री १००८ बाबा गणिनाथ जी का जन्मोत्सव(फोटो तथा विडियो सहित ) विडिओ (निचे ) आज दिनांक ०९-०८-२०१८ (२०७५ -०५-२३ BS ) को नेपाल के मोरंग जिल्ला के बिराटनगर में श्री अखिल नेपाल वैश्य (हलुवाई )समाज तथा श्री हलुवाई समाज कल्याण सेवा समिति, दोनों समितियों ने मिलकर भव्यता के साथ मनाया श्री १००८ बाबा गणिनाथ जी का जन्मोत्सव वैश्य वर्ण- हलवाई जाति का इतिहास और संस्कृति.... हलवाई वर्ग के मानवीय भूगोल कर्म प्रधान रहा है । कर्म या व्यवसाय के आधार पर आज भी व्यक्ति व उनका सन्तती सम्बोधित होता है । किसी खास कर्म–व्यवसाय में संलिप्त व्यक्ति, परिवार और विस्तारित पारीवारिक संगठनों ने जातीय–संज्ञा प्राप्त की । देश, काल और परिस्थिति की धरातल पर सम्पूर्ण मानवीय समाज को कर्म–व्यवसाय के आधार पर चार वर्ण में वर्गीकृत कर जातीय संरचना का निर्माण हुआ । ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य व शूद्र । ईन चार वर्णों के भितर विभिन्न जाति एवं उपजाति विकसित हुआ । इन्हीं वर्ण ...